Gold Price Today: ₹1.19 लाख के नीचे आया सोना, फेड के फैसले से हिला गोल्ड मार्केट – जानिए आगे क्या होगा!

Published On: October 30, 2025
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नमस्ते दोस्तों! मैं Avishek Giri आप सभी का स्वागत करता हूं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नई पॉलिसी का असर अब भारतीय सोना बाजार पर साफ दिखने लगा है। फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद दुनिया भर के निवेशक थोड़े सतर्क हो गए हैं। इसी का असर गुरुवार सुबह भारत के Multi Commodity Exchange (MCX) पर देखने को मिला, जहां सोने का भाव तेजी से नीचे गिर गया।

आज सुबह MCX पर Gold Price ₹1,18,955 प्रति 10 ग्राम तक फिसल गया, जो पिछले बंद भाव ₹1,20,666 से करीब 1.42% कम है। वहीं Silver Price ₹1,46,081 से घटकर ₹1,44,800 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया।

सुबह 9:20 बजे का मार्केट अपडेट

सुबह के सत्र में MCX पर सोना ₹1,827 या 1.51% गिरकर ₹1,18,839 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था।
चांदी में भी कमजोरी जारी रही और यह ₹1,411 या 0.97% गिरकर ₹1,44,670 प्रति किलोग्राम तक आ गई।

निवेशकों के लिए ये गिरावट थोड़ी चौंकाने वाली है क्योंकि अक्टूबर महीने में गोल्ड लगातार बढ़त दिखा रहा था। अब सवाल ये उठता है कि क्या आगे भी गिरावट जारी रहेगी?

इंटरनेशनल मार्केट में कैसा है हाल?

ग्लोबल मार्केट की बात करें तो वहां डॉलर की हल्की कमजोरी से सोने को कुछ सपोर्ट मिला।
स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर $3,937.88 प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि दिसंबर डिलीवरी वाला अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर 1.2% गिरकर $3,950.70 प्रति औंस पर बंद हुआ।

Dollar Index में 0.2% की गिरावट आई, जिससे अन्य करेंसी में सोना खरीदने वालों के लिए यह थोड़ा सस्ता हो गया।

फेड की दरों में कटौती और उसका असर

फेडरल रिजर्व ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को 3.75% से घटाकर 4.00% के बीच कर दिया।
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि आगे की दिशा तय करने को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है, यानी दिसंबर में एक और rate cut जरूरी नहीं है।

ब्याज दर घटने का मतलब आमतौर पर ये होता है कि निवेशक riskier assets (जैसे शेयर) में पैसा लगाते हैं, जिससे gold जैसी safe-haven assets की मांग घट जाती है। यही वजह है कि सोने की कीमतों में तुरंत गिरावट देखने को मिली।

Experts क्या कह रहे हैं?

Reliance Securities के सीनियर एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि सोने की कीमतें फिलहाल तीन हफ्ते के निचले स्तर के आसपास टिक गई हैं।
उनके मुताबिक, निवेशक अब फेड की अगली नीति और अमेरिका-चीन के बीच होने वाली trade talks पर नजर रख रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बाजार पहले उम्मीद कर रहा था कि साल के अंत तक एक और rate cut तय है, लेकिन अब संभावना 70% से भी कम रह गई है।
इसका सीधा असर सोने की मांग और कीमत दोनों पर पड़ेगा।

अमेरिका-चीन वार्ता से तय होगा ट्रेंड

अब पूरा ध्यान ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात पर है।
अगर दोनों देशों के बीच trade agreement हो जाता है तो global uncertainty कम होगी और निवेशक gold से निकलकर equity में जा सकते हैं।
इससे सोने की कीमतें और नीचे जा सकती हैं।

लेकिन अगर वार्ता में कोई बाधा आई, तो फिर एक बार safe-haven demand बढ़ेगी और सोने में फिर से तेजी लौट सकती है।

Gold Investors के लिए ये Level जरूरी

Market Experts के अनुसार,

  • MCX Gold के लिए ₹1,19,500 का स्तर immediate support की तरह काम करेगा।
  • अगर ये लेवल टूटता है, तो भाव ₹1,18,000 तक जा सकता है।
  • वहीं ऊपर की ओर ₹1,20,700–₹1,21,200 resistance zone है, जहां से फिर profit booking देखी जा सकती है।

Short-term में traders को सावधानी बरतनी चाहिए, जबकि long-term investors के लिए ये गिरावट buying opportunity साबित हो सकती है।

Long-Term Outlook क्या कहता है?

भले ही फिलहाल सोना कमजोर दिख रहा हो, लेकिन experts का मानना है कि आने वाले महीनों में इसकी कीमतें फिर से उभरेंगी।
कारण साफ है geopolitical tension, inflation risk और festive demand।

भारत में नवंबर-दिसंबर के बीच शादी का सीजन होता है, जिससे physical gold demand बढ़ जाती है।
ऐसे में MCX Gold दोबारा ₹1.22 लाख के ऊपर जा सकता है।

अगर आप Gold में निवेश करना चाहते हैं…

अगर आप physical gold नहीं खरीदना चाहते, तो आप इन options में भी निवेश कर सकते हैं:

  • Gold ETFs (Exchange Traded Funds)
  • Sovereign Gold Bonds (SGBs)
  • Digital Gold Platforms

ये विकल्प आपको सुरक्षित तरीके से सोने में निवेश का मौका देते हैं, और आपको purity या storage की चिंता नहीं करनी पड़ती।

Conclusion: गिरावट में छुपा है अवसर

फेड की rate cut के बाद global market में जो हलचल दिख रही है, उसका असर short-term में सोने पर पड़ा है।
लेकिन India जैसे देशों में जहां gold को investment और emotion दोनों की तरह देखा जाता है, वहां demand कभी खत्म नहीं होती।

इसलिए, अगर आप long-term investor हैं तो ये correction आपके लिए एक अच्छा entry point हो सकता है।
लेकिन short-term traders को stop loss के साथ ही काम करना चाहिए।

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Avishek Giri

Avishek Giri एक अनुभवी टेक लेखक और News इंडस्ट्री के जानकार हैं, जो पिछले 5 वर्षों से न्यूज की दुनिया से जुड़े हुए हैं। उन्हें लेटेस्ट मोबाइल लॉन्च, फीचर्स एनालिसिस और रिव्यू लिखने का खास अनुभव है। Avishek का मकसद है अपने पाठकों तक News जगत की सटीक, तेज़ और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाना वो भी बिल्कुल आसान और सीधी भाषा में।

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