नमस्ते दोस्तों! मैं Avishek Giri आप सभी का स्वागत करता हूं। फूड डिलीवरी और क्विक-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी Swiggy ने अपने बोर्ड की बैठक में ₹10,000 करोड़ रुपये तक फंड जुटाने की मंजूरी दे दी है।
कंपनी यह रकम Qualified Institutional Placement (QIP) या अन्य स्वीकृत माध्यमों के जरिए जुटाएगी।
यह कदम भारत के तेजी से बढ़ते फूड डिलीवरी और क्विक-कॉमर्स मार्केट में अपनी स्थिति और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
7 नवंबर 2025 को आयोजित बोर्ड मीटिंग में कंपनी ने स्पष्ट किया कि इस फंड का उपयोग बैलेंस शीट को मजबूत करने, ऑपरेशनल नेटवर्क बढ़ाने, और टेक्नोलॉजी में निवेश के लिए किया जाएगा।
शेयरधारकों की मंजूरी होगी जरूरी
स्विगी ने कहा है कि इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले वह शेयरधारकों की मंजूरी भी लेगी।
इसके लिए कंपनी SEBI के दिशा-निर्देशों के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए Extraordinary General Meeting (EGM) आयोजित करेगी।
इस बैठक में शेयरधारक QIP और फंड जुटाने के अन्य विकल्पों पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
कंपनी का बयान: फंड जुटाने से मिलेगी स्थिरता और विस्तार की ताकत
Swiggy Limited ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा –
“कंपनी अपने विकास की अगली यात्रा के लिए मजबूत पूंजी आधार तैयार करना चाहती है। फंड जुटाने से हमें तकनीकी नवाचार, नए प्रोडक्ट लॉन्च और मार्केट विस्तार में मदद मिलेगी।”
कंपनी के अनुसार, फंड जुटाने की प्रक्रिया एक या एक से अधिक चरणों में पूरी की जाएगी।
इसमें सार्वजनिक या निजी पेशकश दोनों के विकल्प खुले रहेंगे।
भारी खर्च और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
वर्तमान में Swiggy को न सिर्फ Blinkit (Zomato की क्विक-कॉमर्स यूनिट) बल्कि Zepto जैसे नए खिलाड़ियों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है।
तीनों कंपनियां ग्राहकों को बेहतर डिलीवरी टाइम और सुविधाओं के लिए भारी निवेश कर रही हैं।
Swiggy अपने “Instamart” और “Swiggy One” जैसे सेगमेंट पर तेजी से काम कर रही है, जिससे कंपनी की ग्रोथ तो बढ़ रही है, लेकिन घाटा भी बढ़ता जा रहा है।
कंपनी के ऑपरेशनल कॉस्ट, वेयरहाउसिंग और टेक इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में भी इजाफा हुआ है।
ब्रोकरेज फर्म्स Swiggy पर क्यों बुलिश हैं?
कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कई ब्रोकरेज हाउस Swiggy के शेयर को लेकर पॉजिटिव नजरिया बनाए हुए हैं।
Motilal Oswal ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी आने वाले दो वित्त वर्षों में 20-22% तक राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकती है।
ब्रोकरेज फर्म ने Swiggy के लिए ₹550 का टारगेट प्राइस जारी किया है, जबकि फिलहाल शेयर ₹401 पर ट्रेड कर रहा है।
इसका मतलब है कि मौजूदा स्तर से लगभग 35% की बढ़त की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि फंड जुटाने के बाद कंपनी अपनी कैश फ्लो स्थिति और ऑपरेशनल क्षमता को मजबूत कर पाएगी, जिससे भविष्य में मुनाफे की दिशा में सुधार देखने को मिलेगा।
तिमाही नतीजे: घाटा बढ़ा, लेकिन आय में भी दमदार उछाल
स्विगी के लिए वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही नतीजे मिश्रित रहे।
कंपनी को इस अवधि में ₹1,092 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में घाटा ₹626 करोड़ था।
हालांकि, कंपनी की ऑपरेशनल आय में जोरदार बढ़त दर्ज की गई है
यह आय बढ़कर ₹5,561 करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ₹3,601 करोड़ थी।
कंपनी के खर्च भी बढ़कर ₹6,711 करोड़ तक पहुंच गए, जबकि पिछले साल यह ₹4,309 करोड़ थे।
यह साफ दिखाता है कि कंपनी ग्रोथ के लिए निवेश बढ़ा रही है, जिससे फिलहाल घाटा बढ़ा है लेकिन लॉन्ग टर्म में यह रणनीति फायदेमंद साबित हो सकती है।
बाजार में क्या संकेत हैं?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि QIP से जुटाया गया फंड Swiggy को कर्ज कम करने, नए प्रोडक्ट डेवलपमेंट, और क्विक-कॉमर्स एक्सपैंशन में काफी मदद करेगा।
भारत का फूड डिलीवरी बाजार अगले कुछ वर्षों में $30 बिलियन से ज्यादा का हो सकता है, और ऐसे में Swiggy का समय पर निवेश करना इसे लीडिंग पोजिशन पर रख सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार,
“Swiggy की रणनीति स्पष्ट है पहले मार्केट शेयर हासिल करना, बाद में प्रॉफिटेबिलिटी पर ध्यान देना। फंड जुटाना इसी योजना का हिस्सा है।”
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
फिलहाल, जो निवेशक स्विगी के शेयर को मीडियम से लॉन्ग टर्म नजरिए से देखते हैं, उनके लिए यह फंडिंग राउंड सकारात्मक संकेत दे रहा है।
हालांकि, कंपनी अभी भी घाटे में है, इसलिए शॉर्ट टर्म निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।
अगर कंपनी अपने खर्चों को नियंत्रित करने और राजस्व बढ़ाने में सफल रहती है, तो FY27 तक Swiggy पहली बार नेट प्रॉफिट की ओर बढ़ सकती है।
Conclusion
Swiggy का ₹10,000 करोड़ का फंड रेजिंग प्लान कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति को दर्शाता है।
क्विक-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यह पूंजी जुटाना एक बड़ा कदम है।
हालांकि फिलहाल घाटा कंपनी की चुनौती बना हुआ है, लेकिन मजबूत बिजनेस मॉडल, ब्रांड वैल्यू और यूजर बेस इसे निवेशकों के लिए भरोसेमंद बनाते हैं।
अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो आने वाले वर्षों में Swiggy भारत की सबसे बड़ी और लाभदायक टेक कंपनियों में से एक बन सकती है।
यह भी पढ़े।








