ALERT: Google Chrome यूजर्स सावधान! ब्राउज़र की खामी से लाखों सिस्टम हो सकते हैं हैक — तुरंत करें ये सुरक्षा कदम

Published On: November 24, 2025
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नमस्ते दोस्तों! मैं Avishek Giri आप सभी का स्वागत करता हूं। अगर आप रोजाना इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए Google Chrome का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT‑In ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि Chrome में एक खतरनाक सुरक्षा खामी पाई गई है, जो विंडोज़, मैकओएस और लिनक्स सहित कई ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित कर रही है। खतरा इतना बड़ा है कि हैकर्स दूर बैठे-बैठे आपके ब्राउज़र के माध्यम से किसी भी कोड को रन कर सकते हैं और आपके सिस्टम को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं।

ब्राउज़र का इस्तेमाल करते समय हम अक्सर राय देते हैं कि “सब अपडेट रखें” लेकिन इस बार बात सिर्फ अपडेट की नहीं है, बल्कि अहम् सुरक्षा कदम उठाने की है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर क्या हुआ, क्यों खतरनाक है, और आप अभी क्या कर सकते हैं।

क्या है यह खामी और क्यों खतरनाक है

CERT-In की एडवाइजरी में इस सुरक्षा खामी को हाई रिस्क बताया गया है। इसके दो मुख्य पहचानांक हैं CVE-2025-13223 और CVE-2025-13224। इन खामियों के जरिए किसी हैकर को सिर्फ एक crafted HTML पेज द्वारा आपके ब्राउज़र में कोड चलाने का मौका मिल सकता था। इसे “type confusion” कहा जाता है यानि जब एक डेटा टाइप को दूसरे रूप में इस्तेमाल किया जाए और सिस्टम को गलती से अनुमति मिल जाए।

विशेष रूप से V8 इंजन में यह खामी पाई गई है ही इंजन जो Chrome में जावास्क्रिप्ट और WebAssembly को चलाता है। इसका परिणाम यह हो सकता था कि आपका सिस्टम हैक हो जाए, आपकी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो जाए या आपके कंप्यूटर को रिमोटली नियंत्रित किया जा सके।

उन्हें सबसे ज्यादा जोखिम में? या सभी यूजर्स करें सतर्क

यह खामी किसी खास देश या खास मॉडल तक सीमित नहीं है। विंडोज़, मैकओएस और लिनक्स प्लेटफॉर्म पर Chrome के यूजर्स प्रभावित थे। ग्रोविंग इंटरनेट उपयोग और घर से काम करने वालों की संख्या में इजाफा के चलते यह खामी अक्सर उन लोगों को अधिक प्रभावित करती है जो पुराने वर्जन पर Chrome इस्तेमाल कर रहे थे।

Google ने स्वीकार किया है कि इसे मालूम था कि CVE-2025-13223 के लिए एक्सप्लॉइट मौजूद था यानी कोई हैकर इसे पहले से इस्तेमाल कर रहा हो सकता था। फिलहाल कंपनी ने स्टेबल चैनल में फिक्स जारी कर दिया है, लेकिन समस्या यह है कि कई यूजर्स ने अपडेट नहीं किया होगा।

फिक्स कब और कैसे लागू हुआ

Google ने कहा है कि निम्न वर्जन्स के Chrome में यह खामी मौजूद थी:

  • विंडोज़ पर 142.0.7444.175/.176 से पहले
  • मैकओएस पर 142.0.7444.176 से पहले
  • लिनक्स पर 142.0.7444.175 से पहले

यदि आपका ब्राउज़र इन वर्जन्स में आता है, तो आप इस खामी के जोखिम में थे। Google ने कहा है कि सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए आवश्यक पैच जारी कर दिए गए हैं और आने वाले हफ्तों में और अपडेट होंगे।

आपको अभी क्या करना चाहिए

उन्हें सुरक्षित रहने के लिए तीन आसान लेकिन बेहद जरूरी कदम उठाना चाहिए:

पहला कदम है Chrome को अपडेट करना। इसके लिए Chrome में ऊपर दाहिनी ओर तीन डॉट्स पर क्लिक करें → Help → About Google Chrome यहाँ देखें कि आपका वर्जन अपडेट हुआ है या नहीं। अगर कोई अपडेट मौजूद है तो उसे इंस्टॉल करें।

दूसरा, किसी भी अनजान वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले सोचे। विशेष रूप से ऐसे लिंक जो डिस्काउंट, गिफ्ट या स्कैम जैसी बातें कहते हों। यह खामी इसी तरह के crafted HTML पेज से काम कर सकती थी।

तीसरा, आपके सिस्टम का एंटीवायरस/एंटीमैलवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेटेड रखें। ब्राउज़र सुरक्षा अकेले काफी नहीं होती पूरी प्रणाली को मजबूत बनाना ज़रूरी है।

क्यों Chrome में यह खामी इतनी बड़ी है

Chrome अभी भी दुनिया का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउज़र है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि इसमें कोई खामी आ जाए, तो संभावना है कि करोड़ों यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं।

ब्राउज़र यूजर की ऑनलाइन दुनिया की शुरुआत है बैंकिंग हो या सोशल मीडिया, अधिकांश काम ब्राउज़र के माध्यम से होते हैं। इसलिए सुरक्षा चाहते हुए या न चाहते हुए Chrome में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।

हालांकि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की बात होती है, लेकिन ब्राउज़र की खामी से यूजर की पहचान, लॉगइन टोकन, कुकीज़ और अन्य संवेदनशील डेटा खतरे में आ सकती है।

क्या यह खामी अकेले है या एक संकेत?

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों का मानना है कि यह खामी सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि संकेत है कि ऐसे विशाल प्लेटफॉर्म्स को समय-समय पर सुरक्षा जांच, पैचिंग और फीडबैक लूप्स की जरूरत होती है।

जब यूजर अपडेट नहीं करते, या ब्राउज़र पुराने वर्जन में चलता रहता है, तो ये खतरनाक loopholes बन सकते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम सिर्फ ऐप इंस्टॉल करके भूल न जाएँ, बल्कि नियमित रूप से सुरक्षा उपाय अपनाएँ।

Conclusion

Chrome यूजर्स के लिए यह चेतावनी सिर्फ एक सूचना नहीं, बल्कि एक सक्रिय चेतावनी है कि “अब समय है जागने का।” सुरक्षा को लेकर कोई देरी नहीं करनी चाहिए अपडेट तुरंत करें, सावधानी बरतें और अपने डेटा व पहचान को सुरक्षित रखें।

अगर आपने अभी तक Chrome अपडेट नहीं किया है, तो अभी करें। क्योंकि ऐसा कोई समय नहीं आता कि कोई खतरा दस्तक दे रहा हो और हम तैयार न हों।

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Avishek Giri

Avishek Giri एक अनुभवी टेक लेखक और News इंडस्ट्री के जानकार हैं, जो पिछले 5 वर्षों से न्यूज की दुनिया से जुड़े हुए हैं। उन्हें लेटेस्ट मोबाइल लॉन्च, फीचर्स एनालिसिस और रिव्यू लिखने का खास अनुभव है। Avishek का मकसद है अपने पाठकों तक News जगत की सटीक, तेज़ और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाना वो भी बिल्कुल आसान और सीधी भाषा में।

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